संगीत और समाज सेवा को जीवन का हिस्सा मानते हैं डा. नीरज शर्मा

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*संगीत और समाज सेवा को जीवन का हिस्सा मानते हैं डा. नीरज शर्मा*
चण्डीगढ़ (अमरपाल नूरपुरी) – डा. नीरज शर्मा का नाम डेराबस्सी के बाशिंदों के लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पिछले 36 बरसों से वह चिकित्सा क्षेत्र में है और कचहरी रोड, डेराबस्सी में केयर सेंटर के नाम से अपना क्लिनिक चलाते हैं। नीरज शर्मा एक अनुभवी डाक्टर होने के साथ साथ समाज सेवा के कामों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

डा. नीरज शर्मा ने एक मुलाकात में बताया कि वह डेराबस्सी, पंचकुला, जीरकपुर, लालड़ू, भांखरपुर, मुबारकपुर आदि क्षेत्रों में लगभग 500 निशुल्क मेडिकल कैम्प लगा चुके हैं जिनमें सैकड़ों मरीजों को डाक्टरी परामर्श और दवायें वितरित की गई।

डा. नीरज शर्मा समाज सेवा के साथ संगीत से भी बेहद लगाव रखते हैं। शायद इस बात की लोगों को जानकारी नहीं है कि नीरज शर्मा एक उम्दा गीतकार भी हैं और अब तक 500 से अधिक हिंदी, पंजाबी एवं धार्मिक गीत लिख चुके हैं जिन्हें भरपूर सराहा गया है। इन गीतों में कदे होवांगे ना वॅख, भोला भाला गबरू, जट्ट ने दारू छडती, कुछ कुछ हो रहा है, जब से तुम ने देखा, हमने वफा में यारा क्या कुछ कम किया और जब कोई नहीं आता मेरे राम आते हैं, उल्लेखनीय हैं।

शशि फिल्म्स के बैनर तले रिकार्ड हुए इन गीतों को आवाज दी है गायक कलाकार विक्रम ढिल्लों, विनोद सहगल, सूरज, जस्सी, बॉबी, जे.बी. सिंह और नवनीत कौर ने। डा. नीरज शर्मा का कहना है कि संगीत उनके रूह की खुराक है जिससे उन्हें सुकून मिलता है और शक्ति भी। अस्वस्थ होने के बावजूद उनकी कलम रूकती नहीं। वह रोज़ चंद पंक्तियां अपनी डायरी में उतार ही लेते हैं।

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