वीएलटीडी प्रणाली सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्भया फ्रेमवर्क के अंतर्गत विकसित की गई है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जो वास्तविक समय, स्थान डेटा और आपातकालीन चेतावनी सुविधाएं प्रदान करती है।
सड़क दुर्घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए। प्रत्येक दुर्घटना के पीछे सड़क की स्थिति, ओवरस्पीडिंग, आवारा पशु अथवा अन्य संभावित कारणों की गहराई से जांच की जानी चाहिए, ताकि उन खामियों को दूर कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्कूली वाहनों की फिटनेस की भी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल बसों की नियमित जांच हो तथा उनकी तकनीकी स्थिति पर पूरा ध्यान दिया जाए। इसके लिए स्कूल संचालकों की एक बैठक जल्द आयोजित की जाए, जिसमें उन्हें इस बारे स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं और एक तय समयावधि के बाद निर्देशों का अनुपालन न करने पर बसों का चालान और जब्त किया जाए।
राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अन्य विकल्पों जैसे बसों पर विज्ञापन, पार्सल ट्रांसपोर्टेशन या पीपीपी मोड पर बस स्टैंड की स्थापना इत्यादि की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके अलावा, टूरिस्ट स्पॉट्स के लिए बसों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा देने के भी विकल्प तलाशी जाएं।
मुख्यमंत्री ने सिटी बस सेवा की समीक्षा करते हुए इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, चार्जिंग स्टेशनों की भी व्यवस्था की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि सिटी बस सेवा योजना के तहत 375 ई बसों की खरीद प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, पीएम ई बस सेवा योजना के तहत भी 250 ई बसों की खरीद के लिए आगामी कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है। वर्तमान में 9 शहरों में सिटी बस सेवा संचालित की जा रही है।