प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद पहले भारतीय यात्री शुभांशु शुक्ला से संवाद किया और उन्हें भारत की ओर से शुभकामनाएं दीं। शुभांशु ने बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं और यह यात्रा केवल उनकी नहीं, बल्कि भारत की सामूहिक यात्रा है। उन्होंने साझा किया कि पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखने पर कोई सीमाएं नजर नहीं आतीं — यह अनुभव मानवता की एकता का प्रतीक है। शुभांशु भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए सात महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दे रहे हैं, जिनमें मसल लॉस को रोकने के लिए स्टेम सेल्स पर शोध और माइक्रो एल्गी की खेती से जुड़ी फूड सिक्योरिटी पर रिसर्च शामिल हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में भारतीय व्यंजनों – गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम रस – का स्वाद अपने विदेशी साथियों को भी कराया और पहली बार स्पेस स्टेशन में तिरंगा फहराया। माइक्रोग्रैविटी की चुनौतियों के बीच उन्होंने मेडिटेशन और माइंडफुलनेस को मानसिक संतुलन बनाए रखने का जरिया बताया। युवाओं को संदेश देते हुए शुभांशु ने कहा कि कभी प्रयास करना न छोड़ें – “Sky is never the limit”। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गगनयान मिशन की शुरुआत का पहला अध्याय बताया और कहा कि शुभांशु का अनुभव भारत के अंतरिक्ष मिशनों के भविष्य में अहम भूमिका निभाएगा। बातचीत के अंत में शुभांशु ने अंतरिक्ष से देशवासियों को प्रणाम करते हुए कहा – “भारत माता की जय!” और प्रधानमंत्री ने उन्हें मां भारती का सम्मान बनाए रखने की शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के बीच ऐतिहासिक संवाद

PM’s Interaction with Captain Shubhanshu Shukla from the International Space Station