राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन: निजामाबाद को मिली नई पहचान
29 जून 2024 को देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद जिले में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। यह अवसर न केवल निजामाबाद के लिए, बल्कि देश के हल्दी किसानों के लिए भी एक ऐतिहासिक और उत्साहजनक क्षण रहा।
इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक हल्दी का निर्यात एक अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाया जाए। यह पहल भारत को वैश्विक हल्दी बाजार में एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अमित शाह ने बताया कि निजामाबाद को हल्दी की राजधानी के रूप में पहचान दी जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले 3-4 वर्षों में निजामाबाद की हल्दी दुनिया भर में प्रसिद्ध होगी। उन्होंने यह भी बताया कि 2023 के चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हल्दी बोर्ड बनाने की घोषणा की थी, और अब वह वादा पूरा हो गया है। अस्थायी मुख्यालय की शुरुआत इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है।
हल्दी बोर्ड का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाना, बिचौलियों की भूमिका को कम करना, और पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग तथा निर्यात की सुविधाएं प्रदान करना है। इससे हल्दी की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के अनुरूप होगी और भारत के हल्दी उत्पादकों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सीधी पहुँच मिलेगी।
इस पहल से किसानों को अधिक मुनाफा, नौकरी के नए अवसर, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही भारत की पारंपरिक फसल हल्दी को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी।
निस्संदेह, राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का गठन और निजामाबाद में इसका मुख्यालय स्थापित करना एक दूरदर्शी निर्णय है, जो कृषि सुधारों और किसान कल्याण की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह न केवल निजामाबाद को नई पहचान देगा, बल्कि “वोकल फॉर लोकल” और “मेक इन इंडिया” जैसी योजनाओं को भी मजबूती प्रदान करेगा।
यह पहल न केवल निजामाबाद के किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि इससे तेलंगाना की हल्दी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी।
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